दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल के इस बयान ने हंगामा मचा दिया है कि वो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. साथ ही उन्होंने जनता से ईमानदारी का प्रमाणपत्र मिलने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठने का संकल्प लेते हुए दिल्ली में समय पूर्व चुनाव कराने की मांग की है. भाजपा ने आप सुप्रीमो के इस कदम को ‘‘नाटक'' और ‘‘अपराध की स्वीकारोक्ति'' करार दिया था तथा हैरानगी जताते हुए पूछा कि क्या उन्होंने अपनी पार्टी में अंदरूनी कलह के कारण इस्तीफे की पेशकश की है. बता दें कि शराब नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि अगले कुछ दिन में वे आप के विधायकों की बैठक करेंगे और उनकी पार्टी के एक सहकर्मी को सीएम चुना जाएगा. केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, ‘‘जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं.'' बता दें कि सिसोदिया को पिछले महीने आबकारी नीति मामले में जमानत मिली थी. इस आश्चर्यजनक घोषणा के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी एवं गोपाल राय के नाम संभावित मुख्यमंत्री के रूप में चर्चा में हैं. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है और चुनाव फरवरी की शुरुआत में होने की उम्मीद है.
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